मनहरण घनाक्षरी छंद सबकी बनाए भाल चौबीस का नया साल, साथियों के लिए लाए, खुशियां अपार है। आप सभी छोटे बड़े रहते हैं साथ खड़े, आपकी दुआएं हमें, दिल से…
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मौसम- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
मनहरण घनाक्षरी छंद रोज दिन पल-पल, मौसम बदल रहा, सेंकने को मन करे, बैठ खिली धूप को। जो रहेंगे सावधान, नहीं होंगे परेशान, निकलें परख कर, मौसम के रूप को।…