रंगोत्सव- मधु कुमारी

रंगोत्सव ——— चली रंगोत्सव की बयार सब पर छाया प्रेम खुमार एहसास भर पिचकारी में शब्द रंग उड़ाऊँ, मैं बेशुमार प्रीत रस की छाई मीठी फुहार भींगे एक दूजे संग…