होली-गिरिधर कुमार

होली आई है सच में फिर अबकी बार, फिर सजायेंगे हम रंगों की बारात, खुद के कूचे से बनायेंगे, रंगों में डूबे हंसते चेहरे, कुछ मेरी तरह, कुछ तुम्हारी तरह,…