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है धन्य हमारी तपोभूमि आर्यवर्त-एम० एस० हुसैन “कैमूरी”

M S Husain

है धन्य हमारी तपोभूमि आर्यावर्त

नमन है इस पाक सरज़मीन को
जिसने हमको ये अभिमान दिया
करते रहते हैं जो देश की रक्षा
ऐसा सैनिक वीर बलवान दिया।

महिलाओं पर लगते थे स्तन कर
जिसने स्तन ढका उसने दान दिया
जिसने दिलाई हमें इससे आज़ादी
मैसूर ने जांबाज टीपू सुल्तान दिया।

1965 में जो भारत-पाक का युद्ध हुआ था
रणभुमि का दृश्य भी क्या खूब निराला था
वो था भारतीय सेना का शेर अब्दुल हमीद
जो वीरता का परिचय दे टैंक उड़ा डाला था।

आठ जनवरी  2013 का वह दिन भी दोस्तों
हम भारत वासियों के लिए कितना काला था
बुआ ने लिपटे तिरंगा हटाकर देखना चाहा तो
हेमराज सिंह ने अपना सर ही कटा डाला था।

है धन्य हमारी पावन तपोभूमि आर्यावर्त
अपनी अनुपम, संस्कृति और संस्कारों से
रानी लक्ष्मी और कर्णावती ने हैं शौर्य दिखाएं
अपने साहसी घोड़े, ढाल, कृपाण, कटारों से

यहां उत्सव सदैव रहता है भिन्न-भिन्न त्योहारों से
प्रकृति ने है श्रृंगार किया पर्वत,वृक्ष और पठारों से।
हम तो उत्सव मनाते हैं बैठाकर आराम से घरों में
सैनिक मनाते हैं उत्सव गोली, बारूद, अंगारों से।

एम० एस० हुसैन कैमूरी

 

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