टीचर्स डे-अशोक कुमार

टीचर्स डे

5 सितंबर को यादगार बनाएँ,
चलो शिक्षक दिवस मनाएँ।
सादगी, कर्तव्यनिष्ठ, धर्मपरायण,
गुरुजी को जग में महान बनाएँ।।
अपने अधिगम केंद्र पर पहुँचकर,
विद्यालय खोलना, साफ सफाई, चेतना सत्र,
ये सब दैनिक दिनचर्या बच्चों से करवाएँ,
चेतना सत्र के बाद समाचार वाचन,
गाँधी कथा वाचन, बच्चों से करवाएँ,
चेतना सत्र उपरांत कतार बद्ध तरीके से ,
वर्ग कक्ष में प्रवेश कराएँ,
गुरु जी की नित्य यही दिनचर्या ,
बच्चों को अधिगम कराएँ।।
वर्ग कक्ष में समय सारणी के अनुरूप ,
शिक्षण कार्य कराएँ,
कक्षा कक्ष को शुगम बनाने के लिए ,
नए नए प्रयोग अपनाएँ,
टी एल एम, खेल खेल में,
रोल प्ले एवं एक्टिविटी से,
बच्चों का ध्यान आकर्षित कराएँ,
गुरु जी की यह विधि बच्चों को खूब भाये।।
चेतना सत्र में प्रत्येक शनिवार को,
सुरक्षित शनिवार कार्यक्रम कराएँ,
भूकंप, सड़क सुरक्षा, आग लगी,
नदी ताल में डूबने से बचने हेतु बताएँ,
यह विधि बच्चों को खूब भाए।।
कभी कहानी कभी चुटकुले कह कर,
पाठ की तरफ आकर्षित कराएँ,
सरल विधि से बच्चों को अधिगम कराएँ,
बच्चों को श्यामपट्ट पर
आने के लिए प्रेरित कराएँ,
स्वयं करने की यह विधि,
बच्चों को अधिगम दिलाएँ,
सीखने का प्रतिफल, आकलन,
बाह्य मूल्यांकन कराएँ,
गुरुजी की यह विधि,
बच्चों को खूब है भाए।।
मध्यांतर में गुणवत्तापूर्ण
भोजन बच्चों को दिलाएँ,
सभी बच्चों को कतार बद्ध
तरीके से भोजन कराएँ,
पौष्टिक आहार देकर,
बच्चों का शारीरिक विकास कराएँ,
गुरु जी की यह विधि,
बच्चों को खूब भाये।।
अंतिम घंटी के पश्चात विद्यालय में
पाठ टीका का संधारण कराएँ,
गुरुजी की विधि बच्चों को,
अधिगम की ओर लाए।।
स्कूल से घर की ओर,
प्रस्थान करते समय कपड़े की थैली को
निजी काम में लाएँ,
थैले में हरी सब्जी,
घर की जरूरत मंद सामग्री को लाएँ,
नहीं कोई पॉलिथीन का झंझट,
पर्यावरण को स्वच्छ बनाएँ,
गुरु जी की यह विधि,
बच्चों को खूब भाए।।

गुरु की महिमा

गुरु की महिमा जग में प्यारा।
उनमें बहती अविरल धारा।।
वह है ज्ञान के भंडारा।
अपनी कृति से सबको है प्यारा।।
कर्तव्यनिष्ठ नैतिकताहै उनमें सारा
ज्ञान का दीप प्रज्वलित करना है प्यारा।
उनकी यही कृति जग को है न्यारा।।
गुरु महिमा सब पर है है न्यारी।
समता रूपी ज्ञान बांटना उनको है प्यारी।।
सब पढ़े सब बड़े यही है उनका नारा।
पढ़ ले कर जग में नाम करो हमारा।।
गुरु दक्षिणा है यही हमारी।
शिक्षा पाकर तुम बनना आज्ञाकारी।।
सर्व भौमिक शिक्षा देना हमें है प्यारा।
लैंगिक विषमता को दूर करना हमें है प्यारा।।
रोट लैंग्वेज से पढ़ाना हमें है दुश्वारा।
स्वयं करके सीखने पर बल देना हमें है प्यारा।।
टी एल एम का प्रयोग करना हमें है प्यारा।
रचनात्मक कार्य करा कर सिखाना यह गुण है सबसे न्यारा।।
मीठी वाणी बोलना सदा सत्य बोलना हमको है न्यारी।
विपत्ति में भी धैर्य से काम लेना यही युक्ति है सबसे प्यारी।।
गुरुजनों का आदर करना यही है गुरु दक्षिणा हमारी।
बड़ों की आज्ञा का पालन करना जग में है सबसे प्यारी।।

अशोक कुमार
न्यू प्राथमिक विद्यालय भटवलिया
नुआंव कैमूर

Leave a Reply