मैं एक शिक्षक हूँ-बीनू मिश्रा

मैं एक शिक्षक हूँ

छड़ी खूब दिए होंगे तन मन पर,
नींद न मुझे, न तुम्हें उस रोज आई होगी,

मन ही मन मुझको शत्रु माना होगा तुमने
सोचो मेरी छड़ी भी रोई होगी,
किंतु मैं तुम्हारी शुभकामनाओं का प्रेषक हूँ
मैं केवल एक शिक्षक हूँ,
तुम बने चिकित्सक, अभियंता, की वकालत
मैंने सबके हिस्से का काम किया,
तुम जब अपनी सफलता की खुशी लाए
मैंने उस पल आराम किया,
मैंने अपना जीवन शिक्षा के नाम किया
तुम्हारे स्वर्णिम भविष्य का रक्षक हूँ
हाँ मैं एक शिक्षक हूँ।
मैं ज्ञानरूपी उजाला लाने की इच्छुक हूँ
मैं अज्ञानता का भक्षक हूं
मैं सुखद परिणामों का भिक्षुक हूँ ,
हाँ, हाँ मैं तो एक शिक्षक हूँ
मैं तुम्हारे हर कर्मों का निरीक्षक हूँ
हाँ, हाँ मैं शिक्षक ही हूँ।

बीनू मिश्रा
प्रखंड नवगछिया, भागलपुर

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