बापू की निशानी-जैनेन्द्र प्रसाद रवि

Jainendra

बापू की निशानी

देश की आजादी पर अर्पित किया जवानी है,
ये आजादी तो बापू की अमिट निशानी है।
पोरबंदर का एक राजदुलारा,
बन गया वह दुनियाँ का तारा।

भारत से अफ्रिका की यात्रा,
यहां सबको याद ज़ुबानी है।
ये आजादी तो बापू की अमिट निशानी है।
नहीं बंदूक नहीं तलवार उठाया,
सत्य, अहिंसा को ढाल बनाया।
अंग्रेजों को याद दिलाया नानी है।
ये आजादी तो बापू की……।
लाखों लोगों का ख़ून बहा था,
अत्याचार और जुल्म सहा था।
गोरों की बर्बरता सुनकर,
आँखों से निकलता पानी है।
ये आजादी तो बापू की……।
भारत छोड़ो उनका नारा था,
परिवार से बढ़कर देश प्यारा था।
मजदूर, किसान चाहे वीर जवान,
सबने दिया अपनी कुर्बानी है।
ये आजादी तो बापू की……।
तीन गोलियाँ सीने पर खाकर,
सो गया अपनी जान गँवाकर।
भारत के कण-कण में लिखा,
बापू की अमर कहानी है।
ये आजादी तो बापू की…..।
लक्ष्मीबाई, भगत, सुभाष, आजाद ने,
खुदीराम, राजगुरु, बिस्मिल प्रसाद ने।
मिल जुलकर गौरव गाथा लिखा,
ये अमर शहीद बलिदानी हैं।
ये आजादी तो बापू की…..।

समूचे भारत में बहुत थे नेता,
बापू थे जन-जन का चहेता।
किसका कितना था योगदान,
यह हो गई बात पुरानी है।
ये आजादी तो बापू की…..।
बापू तुमसे है यह वादा,
कुछ कर गुजरने का है इरादा।
तेरी हस्ती मिटने नहीं देंगें,
ये ख़ून हमारा हिंदुस्तानी है।
ये आजादी तो बापू की अमिट निशानी है।

जैनेन्द्र प्रसाद रवि
म. वि. बख्तियारपुर,
(पटना)

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