Site icon पद्यपंकज

जय श्री राम – स्नेहलता द्विवेदी

Snehlata

जय श्री राम 🙏🌹

हे राम बसों सबके मन में, मन सबका आलोकित हो जाए।
सब कष्ट मिटे अज्ञान हटे यह हृदय सुबसित हो जाए।।

बस प्रेम बसे मर्यादा रहे मन सुंदर मधुबन हो जाए।
नीरव निश्चल नव गीत अधर, सब ओर से झंकृत हो जाए।।

हे राम बसों सबके मन में, मन सबका आलोकित हो जाए।
सब कष्ट मिटे अज्ञान हटे यह हृदय सुबसित हो जाए।।

सबरी के घर प्रभु आनि बसों, हनुमत हिय बसी निर्वाण करो,
मेरे भी सकल तुम पाप हरो, इह लोक में भक्ति विघान करो।।

तुमसे जग जगमग रहता है, सुंदर परलोक भी रमता है।
इह लोक अलौकिक परम गति सब खग बृंद मानव हो जाय।।

हे राम बसों सबके मन में, मन सबका आलोकित हो जाए।
सब कष्ट मिटे अज्ञान हटे यह हृदय सुबसित हो जाए।।

आयोध्या धाम पधार रहे, प्रभु सब जय घोष उचारि रहे।
जय जय रघुनाथ जयति जय हो, जय घोष उमापति गाई रहे।।

हे राम बसों सबके मन में, मन भी तो आलोकित हो जाए।
सब कष्ट मिटे अज्ञान हटे यह हृदय सुबसित हो जाए।।

स्नेहलता द्विवेदी
उत्क्रमित कन्या मध्य विद्यालय शरीफ गंज, कटिहार

Spread the love
Exit mobile version