सूरज की किरणें संग उमंग लाई, मकर संक्रांति ने खुशियाँ बरसाई। खिचड़ी की महक, तिल-गुड़ का मिठास, हर मन को भाए यह त्यौहार खास।। गगन में उड़ते विविध पतंगों…
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जागो उठो और आगे बढ़ो – विवेक कुमार
सृष्टि पर, यशस्वी कर्मठ, संत हुए एक महान, थी उनकी अलग पहचान। सरल सौम्यता, थी जिनकी शान, वो कोई और नहीं, विवेकानंद थे महान। अद्भुत तेज, धैर्य गुण सहेज, प्रतिभा…
स्वामी विवेकानंद – रामकिशोर पाठक
विवेकानंद आज हैं, किए जा रहे याद। हम मनाएँ जन्म दिवस, करते यह फरियाद।। युवा राष्ट्र के बोलिए, रहें न किंचित मौन। बन जाए फिर विश्व गुरु, भार उठाए…
विश्व चेतना के अग्रदूत स्वामी विवेकानंद – अमरनाथ त्रिवेदी
विश्व चेतना के दिग्गजों में, जिनका नाम शुमार है। वे भारत के सर्वोच्च अवधूत, उनकी कीर्ति अपरम्पार है।। बचपन में जिनका नाम नरेंद्र, वे प्रतिभा के आगार थे। जिनकी…
युवाशक्ति का हो आगाज़ – आशीष अंबर
प्रखर युवा का जोशीला आगाज़ हो। बदलते तकनीक में भी नया अंदाज हो।। करुणा भरी नदी में विशाल जहाज़ हो। पौरुष ऐसा निर्भीक मानो सक्षम यमराज हो।। जिसमें हर बाधा…
एक योगी – स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या”
एक योगी ! मानव को है जगाता, चेतना को है उठाता, विश्व के रण में उतरता, एक योगी ! एक योगी ! उस शिकागो को बुलाता, भ्रातृत्व का संदेश…
युवाशक्ति- डॉ स्वराक्षी स्वरा
उठो युवा, चलो युवा तुझे है पथ पुकारता स्वर्णिम इतिहास रचो वक्त है निहारता।। लो अंजुरी में नीर तुम, करो प्रगाढ़ संकल्प करोगे कर्म हर दिवस, न दूसरा कोई…
युवाशक्ति के प्रतीक स्वामी विवेकानंद- सुरेश कुमार गौरव
हे स्वामी! जग में ज्ञानदीप आपने जलाया, हर हृदय में नवचेतना को खूब सजाया। कर्म का संदेश देकर विश्व को समझाया, योग का मर्म आपने जग में पहुँचाया।। शिकागो…
हम हिन्दी के दिवाने हैं – रामकिशोर पाठक
यह अंग्रेजी का जमाना है, हम हिन्दी के दिवाने हैं। होता समाज का नवीनीकरण, और हमारे ख्याल पुराने हैं।। हिन्दी की व्यथा से आज, हर कोई बनें अनजाने हैं।…
राष्ट्रधर्म निभाती हिन्दी – स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या”
हिंदी! संस्कृत की जाई, देवनागरी लिखाई, स्वर व्यंजन वर्ण, सब से बन है पाई। हिंदी ! सुपाठ्य और सुलेख्य, कुछ भी नहीं अतिरेक। जैसी दिखती, वैसी होती, बोलना लिखना सब…