प्रभाती पुष्प – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

मनहरण घनाक्षरी छंद हर साल नवरात्रि, माता की चरण आवे, पूजा बिना सुना लगे महल अटरिया। धन पद सुत दारा, कुछ दिनों का सहारा, चाहत में यूं ही सारी बीती…

हे माँ शारदे हे माँ शारदे-माला त्रिपाठी मालांशी

हे माँ शारदे हे माँ शारदे करें साधना हम विजय वृति दो माँ। करें वंदना हम विनय दृष्टि दो माँ तिमिर को मिटायें ज्योति हम जगाएँ, हृदय हो आलोकित यही…

आर्तवाणी से पुकारा-जैनेन्द्र प्रसाद रवि

आर्तवाणी से पुकारा मेरे मोहन इन चरणों की अब तो दे दो सहारा। बिना मांझी यह जीवन नैया कैसे लगे किनारा।। जड़ चेतन सब तेरी माया, कण-कण में तू है…

प्रभु वंदना-शुकदेव पाठक

  प्रभु वंदना हे प्रभु! आप स्वयं परब्रह्म न है आपका आदि न अंत आप आवरण रहित अद्वितीय उत्पत्ति, स्थिति, रक्षा, प्रलय। आप सभी प्राणियों में स्थित ब्रह्मवेतर करते उपासना…

सरस्वती वंदना-मनोज कुमार मिश्र

सरस्वती वंदना जय शारदे, जय शारदे, जय शारदे, जय शारदे, दे ज्ञान का वरदान, औऱ अज्ञानता से तार दे।। जय शारदे……।। हम मुढ़ है, अज्ञानी है, अज्ञानता की खान है,…

हे प्रभु आओ बुद्ध रुप में-दिलीप कुमार गुप्ता

हे प्रभु आओ बुद्ध रुप में रुग्ण विश्व व्याधि प्रबल है संकट में अवनि विह्वल है मनुजता को त्राण दिलाने घटाटोप संताप मिटाने हे प्रभु! आओ बुद्ध रुप में। चतुर्दिक…

प्रार्थना कोराेना से उद्धार–शुकदेव पाठक

प्रार्थनाकोरोना से उद्धार हे प्रभु! जगतपिता इस प्रलय से उबार दे तू फिर से जग को संवार दे तू। मानवता पर छाई अंधियारी नहीं रहा कोई भी पतवारी नौका मझधार…

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