युगपुरुष स्वामी विवेकानंद-मनु कुमारी

Manu

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युगपुरुष स्वामी विवेकानंद

गुरु सेवाकर जिसने अपने जीवन में था सबकुछ पाया,
जीवनकाल में हीं जिसने मृत्यु के रहस्य को ढूंढ निकाला,
निज मुक्ति से बढ़कर जिसने राष्ट्र सेवा को लक्ष्य बनाया,
करोड़ों देशवासियों के जीवन उत्थान के लिए,
जिसने अपना तन-मन और जीवन को लगाया,
उस मनुज श्रेष्ठ, आदर्श श्रेष्ठ, कर्तव्यनिष्ठ को करें नमन।
भारत के युगपुरुष को आओ,
हम सब मिलकर करें नमन!

भारत भू के दिव्य रत्न वो,
विश्वनाथ और भुवनेश्वरी के
ज्येष्ठ पुत्र रत्न,
नाम था जिनका नरेंद्र नाथ,
जिनके गुरु थे रामकृष्ण परमहंस,
वह ज्ञान पिपासु और थे जिज्ञासु,
गरीबों, शोषितों के जो पोछते आंसू,
भारत के उस युगपुरुष का आओ,
हम सब मिलकर करें नमन!

आर्य भूमि के वह सच्चे आराधक,
युगद्रष्टा, दार्शनिक, चिंतक, महान विचाक,
नवयुग, नवभारत के वो प्रणेता,
आध्यात्मिक ज्ञान के थे तत्वेता,
भारत को विश्वगुरु बनाने वाले,
युवाओं में नवीन उर्जा का संचार करने वाले,
“अशिक्षा सभी बुराईयों का जड़ है”
कहकर युवाओं को,
अन्वेषक बनने के लिए प्रेरित करने वाले,
चुनौतियों का सामना करना, अपने पैरों पर खड़े हो जाना,
स्वावलम्ब का पाठ पढ़ाने वाले,
भारत के ऐसे युगपुरुष का आओ,
हमसब मिलकर करें नमन!

बचपन से जो थे संस्कारी,
दीन-दुखियों के वह थे हितकारी,
जाति-लिंग भेद, महिलाओं के शोषण पर,
गरीबों, पीडि़तों, के दुख पर,
खुलकर आवाज उठाने वाले,
परोपकार और राष्ट्र हित में,
सर्वस्व न्योछावर करने वाले,
भारत के ऐसे युगपुरुष को आओ,
हमसब मिलकर करें नमन!

परमहंस के मस्तिष्क स्वरूप,
थे तपोनिष्ठ और ज्ञानपुंज,
दैहिक पदधारी, वो बाल ब्रह्मचारी,
विषय-विरागी, परमात्म अनुरागी,
भारत के युवा सन्यासी,
गुरु के एकमात्र सच्चे सेवक,
शिकागो विश्व धर्म सम्मेलन में थे उपदेशक,
भौतिक विद्या से कुछ हासिल न होगा,
आध्यात्मिक विद्या तुम्हें पढ़ना होगा,
शिकागो की भरी सभा में सबको,
“ऐ अविद्याग्रस्त लोगों” का संबोधन करने वाले,
आध्यामिकता का मर्म बताकर,
जीवन का मूल्य बताने वाले,
समता, सहिष्णुता, मानवता का
पाठ पढ़ाने वाले,
भारत के ऐसे युगपुरुष को आओ,
हमसब मिलकर करें नमन!

युवाओं में हौसले भरने वाले,
उनके मन में उम्मीदों का,
नवदीप प्रज्वलित करने वाले,
आध्यात्मिक को ऊपर रखकर,
नवभारत को विकसित करने वाले,
“उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत” का नारा देकर,
युवाओं में नया जोश भरने वाले,
“आत्मशक्ति को शक्ति का श्रोत” बताने वाले,
अपनी प्रखर बुद्धि एवं ओजस्वी वाणी से,
सबको मंत्रमुग्ध करने वाले,
योग के रचनाकार, इतिहास के प्रकाण्ड विद्वान,
कर्मयोगी पुरुष, आध्यात्म के प्रवर्तक,
भारत के ऐसे युगपुरुष को आओ,
हमसब मिलकर करें नमन!

स्वरचित एवं मौलिक
मनु कुमारी
मध्य विद्यालय सुरीगांव
पूर्णियाँ, बिहार

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