प्रीत का बंधन राखी-नरेश कुमार ‘निराला’

प्रीत का बंधन राखी

सावन की पड़ रही फुहार।
आया राखी का त्योहार।।

पूर्णिमा का यह दिन कमाल।
सजाके लाती बहना जब थाल।।

धागे का एक ऐसा बंधन।
बहना लगाये भाई को चंदन।।

बहना रंग-बिरंगी राखी लाती।
भाई की कलाई पर इसे सजाती।।

सालों से इसका रहता इंतजार।
है भाई-बहन का अटूट प्यार।।

राखी का लाज रखता हर भाई।
इस दिन खाते है खूब मिठाई।।

लड्डू-मिठाई खाते सब साथ।
भाई दिखाते राखी वाला हाथ।।

शांति से इस पर्व को मनाते।
मम्मी भी नानी गाँव जाते।।

रक्षाबंधन हर साल है आता।
रक्षा का यह सीख सिखाता।।

राखी का सब लाज निभाना।
बहन को कभी भूल न जाना।।

भाई देते बहना को यथा उपहार।
याद रखे पावन रिश्ते को संसार।।

@रचनाकार
नरेश कुमार ‘निराला’

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