आँखें-एस. के. पूनम

आँखें आँखों से बहते आँसू, कहता है एक अफसाना, गमों का दौर हो या, खुशियों के चंद लम्हें, आँखों से शबनम की बूंदें जैसी, गिरती है रुखसारों पर। ये आँखें!…

बालक की अभिलाषा-एस. के. पूनम

बालक की अभिलाषा बालक हूँ मेरी भी कुछ अभिलाषा है, गुरुदेव का असीम सानिध्य मिले, सादगी भरा वेशभूषा धारण करूँ, समाज में सादगी का मिशाल बनूं। बालक हूँ मेरी भी…

आओ बच्चों तुम्हें सीखाएंगे-एस.के.पूनम

आओ बच्चों तुम्हें सीखाएंगे आओ मेरे देश के नोनिहालों, कब से कर रहा हूँ प्रतीक्षा तुम्हारी, एक क़दम चलकर आओ मेरी ओर, आओ तुम्हें अंगुली पकड़ कर दौड़ना सीखाऊंगा। आओ…