फिर से विद्यालय में अरे! चल-चल-चल-चल मेरे भाई, करली खूब मस्ती अब करले तू पढ़ाई। फिर से अब खुल जाऐंगे विद्यालय हमारे, आयेंगे रोज हम बच्चे भी सब प्यारे। पापा…
अभिलाषा-देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
अभिलाषा मेरी यह तो अभिलाषा है उर को पावन नित बनाऊँ। जन-जन शिक्षा अलख जगाकर मन को सुघड़ कार्य लगाऊँ।। मेरी यह ——————-। भाग्य से मानुष तन मिला है। दिल…
प्रकृति का श्रृंगार बसंत-भवानंद सिंह
प्रकृति का श्रृंगार बसंत बह रही है वासंती बयार भिनी-भिनी खुशबू बिखेरती, चले पवन हर डार-डार हिय से करूँ इसका आभार। नव पल्लव लग जाते हैं वृक्ष और लताओं में,…
वर्षा रानी-अवनीश कुमार
वर्षा रानी वर्षा रानी आओ ना धरा की प्यास बुझाओ ना तपती धरती तुझे बुलाती इनको तृप्त कर जाओ ना सुखी नदियाँ तुझे बुलाती इनको तू भर जाओ ना जन…
प्रार्थना में शक्ति है-अनुज वर्मा
प्रार्थना में शक्ति है सबसे सुंदर भक्ति है प्रार्थना सबसे सार्थक युक्ति है प्रार्थना भक्त की शक्ति है प्रार्थना कर्णप्रिय श्रुति है प्रार्थना ।१। ईश्वर प्राप्ति की पहल है प्रार्थना…
गुरु वंदना-अशोक कुमार
गुरु वंदना हम करते हैं तेरा गुणगान प्रभु, मेरे सिर पर रखना करुणा का हाथ प्रभु। सर्वदा रखना दीन दुखियों पर दया प्रभु, उनका जीवन में आए हर्ष उल्लास प्रभु।।…
दृढ़ संकल्प-अर्चना गुप्ता
दृढ़ संकल्प दृढ़ संकल्प करें हम मन से, हिन्दी का उत्थान करेंगे। हिन्दी है जनमानस की भाषा, हो सर्वोन्नति, अभियान करेंगे। है हिन्दी से हिन्दुस्तान हमारा, हृदय से इनका सम्मान…
प्रकृति बासंती रंग में रंगाई-अपराजिता कुमारी
प्रकृति बासंती रंग में रंगाई शीत शरद की हो रही विदाई धरती मानो ले रही अंगड़ाई ऋतुराज की हो रही अगुवाई प्रकृति बासंती रंग में रंगाई। गुनगुनी धूप, स्नेहिल हवा…
सुबह की रोटी-विनय कुमार “ओज”
सुबह की रोटी आधुनिकता के चक्कर में भईया रोटी बासी भूल गये, सुबह का नाश्ता, मैगी-बिस्किट खाकर ख़ुद को कूल कहे। चीनी, जलेबी, गुड़, पेड़ा, घी संग बासी रोटी भाता…
शब्दों का ज्ञान-शालिनी कुमारी
शब्दों का ज्ञान आओ बच्चों खेल-खेल में सीखे कुछ शब्दों का ज्ञान.. “Mother” शब्द का अर्थ हैं “माता” जो तुम्हें दुलारे प्राणों से ज्यादा.. “Father” का अर्थ होता हैं “पिता”…