दीपावली-आँचल शरण

दीपावली आओ मिलकर दीप जलाएँ अंधियारों को दूर भगाएँ दीप से दीप जला कर रौशन घर आंगन करवायें आओ सभी दीपावली मनाएँ। 💥💥💥💥💥 घर आंगन को स्वच्छ बनाएँ कूड़ा करकट…

प्रेमचंद-आँचल शरण

प्रेमचंद एकतीस जुलाई अठारह सौ अस्सी को, “माँ” आनंदी के घर जन्में पुत्र महान। पिता अजायब राय का उन्होंने बढ़ाया पूरा मान, और बचपन में उन्होंने रखा उनका नाम धनपत…

हिंदी भाषा-आँचल शरण

हिंदी भाषा मैं हिंदी भाषा हूँ, प्रकृति मेरी जननी है मैं संस्कृत के सिंध भाषा से आई हूँ! मैं भारत की शान बढ़ाई हूँ, चंद्रबिंदु से धरती पर चाँद उतारी…

कौन कहते हैं बच्चे पढ़ते नहीं-आँचल शरण

कौन कहते हैं बच्चे पढ़ते नहीं कौन कहते हैं बच्चे पढ़ते नहीं, पर सत्य तो ये है कि हम उन्हें समझते नहीं। जब बच्चे शुरू शुरू में विद्यालय आते है,…