मंजरी भी न्यारी है – एस.के.पूनम

सरसों के पीले-पीले, फलियों में दाने भरे, झूम रही हवा संग,कलियाँ ये प्यारी है। रस चूसे मधुकर, किसलय पर बैठ बनाया है देवाहार,अद्भुत तैयारी है। पूनम की रात आज, महकी…

कृपाण घनाक्षरी – एस.के.पूनम

कवियों की गोष्ठी आज, साध कर सुर साज, खोल देते सारे राज,कवित्त करे झंकार । शब्द जोड़-तोड़ लिखा, कविता पढ़ना सीखा, जहाँ-जहाँ मुझे दिखा,कहाँ श्रम से इंकार । करके वाचन…

गीत -सुधीर

गीत – ३२ यति – १६,१६ २२२२ २२२२ धरती की चूनर हरियाई , रंग बसंती सब पर छाई । खेतों में सरसों लहराते , तन मन दोनों को महकाते ।…

गीत – मुकेश कुमार मृदुल

थाम तुम्हारी उँगली पापा! चलना सीखा डगर-डगर। और तुम्हारे कंधों पर चढ़ देखा मैंने गाँव-शहर। अपनी क्षमता झोंकी तुमने मुझको सतत पढ़ाने को सभ्य आचरण भी सिखलाया लोगों से बतियाने…

स्त्री – रूचिका

मैं स्त्री संसार की धुरी, प्रेम और सम्मान की अधिकारी, नही अबला बेचारी, नही बनना तकदीर की मारी। अपनी किस्मत स्वयं लिखूँ, अपनी कहानी स्वयं गढ़ूं, सुनहरे भविष्य के लिए…

अभियान भारत का गौरव – डॉक्टर मनीष कुमार शशि

स्वच्छ भारत अभियान सरकार की एक पहल महात्मा गांधी का सपना कि भारत स्वच्छ रहे सुंदर दिखे सरकार उस स्वप्न को सार्थक कर रही है चारित्रिक स्वच्छता भी साकार होने…

उसके रिझाने से – एस.के.पूनम

जाग कर कई रातें, स्वप्निल है मेरी आँखें, प्राप्त हुई दिव्य ज्योति,तम मिट जाने से। फैल गया उजियारा, छिप गया नभ तारा, बगिया में फूल खिले,पौधे सींच जाने से। मंडराता…

फाल्गुन के भाव – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

कृपाण घनाक्षरी छंद विद्या:-फाल्गुन के भाव जंगल में नाचे मोर कोयल मचाती शोर, हलचल चहुंओर, आ गया फाल्गुन मास। हाथों में गुलाल लाल कर के गुलाबी गाल, मोरनी की देख…

बगिया के फूल – जैनेन्द्र प्रसाद रवि

विद्या:-रूप घनाक्षरी छंद बच्चें लगें फूल ऐसे गेंदा व गुलाब जैसे, खिले खिले चेहरे पे, दिखते जब मुस्कान। परियों की पंख लगा उड़ते आसमान में, दुनिया के गम से वो,…