कच्चे धागे भैया राखी के बंधन को निभाना, बहना को कभी भूल मत जाना। कच्चे धागे के होते अनमोल रिश्ते, भाई के रूप में आते हैं फरिश्ते।। उस दिन बहना…
Category: Prem
Love has no definition, and it is a feeling that comes within the heart. The meaning of love can be different for different people, different age groups, and different relationships, but the surface is the same for everyone. Love comes from knowledge, and for this, one needs to understand oneself.
राखी का मतलब है प्यार भईया-विवेक कुमार
राखी का मतलब है प्यार भईया भाई बहन के प्यार का प्रतीक, रेशम का यह बंधन, इसे हमसब कहते है रक्षाबंधन, कच्ची मगर प्यार की डोर, होती बहुत अनमोल, भाई…
मां-नूतन कुमारी
मां तेरा विस्तार करुँ कैसे ओ माँ, तू शब्दों का मोहताज नहीं, तेरा वर्णन दिव्य अलौकिक है, यह मेरे वश की बात नहीं। ईश्वर भी नतमस्तक होते, तेरी ममता से…
भारत दर्शन-एस. के. पूनम
भारत दर्शन भारत देव भूमि है, अतुल्य धरा है, समृद्ध और गौरवशाली इतिहास है, प्राचीन सभ्यताओं में बेसुमार है, यहां वेद रचनाओं की रचना स्मृति है। गंगा, यमुना, नर्मदा, ताप्ती,…
तितली रानी-दिलीप कुमार गुप्त
तितली रानी प्यारी सी नन्ही सी सतरंगी पंखों से सजीली फूलों पर मंडराने वाली प्यारी सी तू तितली रानी। भोली सी सलोनी सी धवल हिय की सहेली बगिया की सैर…
तिरंगा-भोला प्रसाद शर्मा
तिरंगा आन में उसकी शान में उसकी, हाँ! प्राण मुझे लुटाना है। कसम है भारत माता की सदा यूँ तिरंगा लहराना है। हो चाहे कोई कौम फ़िरंगी, हो चाहे या…
नमन करें-स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’
नमन करें विश्व के इस भाल को, उदग्र इस त्रिकाल को, विश्व गुरु के मान को, नमन करें नमन करें। वेद की ऋचा जहाँ, सहस्त्र तान छेड़ती, विश्व के कल्याण…
माॅं सृष्टिकर्तृ-सुरेश कुमार गौरव
माॅं सृष्टिकर्तृ मां! यानी सृष्टिकर्त्तृ स्त्री का महान दातृ रुप इस नाम की सार्थकता सबला शक्तिरुपा में सदा परिलक्षित दिखती है। वात्सल्य भाव प्रेषित कर जीवन रुपी पात्रों में ममता,…
आर्तवाणी से पुकारा-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
आर्तवाणी से पुकारा मेरे मोहन इन चरणों की अब तो दे दो सहारा। बिना मांझी यह जीवन नैया कैसे लगे किनारा।। जड़ चेतन सब तेरी माया, कण-कण में तू है…
बचपन-ब्रह्माकुमारी मधुमिता ‘सृष्टि’
बचपन अल्हड़ है, मदमस्त है आसमा, छूने की चाहत है। नदियों सी चंचल है पवन सी पागल है जानने को सबकुछ उत्कल है। आंखों में खुशी, होठों पे हंसी पल…