कबीर दास

कबीर दास जी की जयंती पर याद करते हुए… 🙏     सच से सामना करवाते है।   झूठ – अंधविश्वास को आईना दिखाते है।   कोई चाकू,बंदूक तलवार नही…

मैं हूँ नारी- मधु कुमारी

मैं हूँ नारी ——— मैं हूँ नारी एक धधकती सी चिंगारी प्रगति पथ की हूँ अधिकारी सृष्टि की सुंदर कृति हमारी मैं जग जननी,मैं पालनहारी मैं हूँ नारी हमने अपनी…

मैं शिक्षक हूँ

मैं शिक्षक हूँ मैं शिक्षक हूँ,शिक्षा दान करता हूँ नित नये भारत का निर्माण करता हूँ। सुबह से शाम तक बच्चों के जीवन की बात सोंचता हूँ। मैं शिक्षक हूँ,शिक्षा…

मित्रता-अपराजिता कुमारी

  मित्रता दो अक्षर का यह शब्द ‘मित्र आत्मीयता, घनिष्ठता, मित्रता से अपरिचित भी हो जाते परिचित मित्रता में सहयोग, सद्भावना संवेदनशीलता, प्रेम विश्वास हो मित्र को मित्र के अपने…

उद्बोध-गिरिधर कुमार

स्वप्निल सा कुछ, टूटता, सँवरता… जिद से, कभी अपने ही मूल्यों से, अतृप्त, बेपरवाह, अकिंचन, अद्भुत… मनोरोग कोई या जिजीविषा का कोई रूप… कोई कविता या अपना ही कुछ लेखा…