आजादी का नव विहान- ब्युटी कुमारी

आजादी के लिए यातना सहकर, सूरमा नहीं विचलित हुए, विघ्न बाधाओं से लड़कर, गुलामी से मुक्ति दिलवाए। बाबू वीर कुँवर सिंह ने, हाथों की बलि चढ़ाई। आजाद लड़ते-लड़ते, अंतिम गोली…