दो ऐसा अचूक वरदान-विजय सिंह नीलकण्ठ

दो ऐसा अचूक वरदान हे प्रभु हमको ज्ञान प्राप्ति का  दो ऐसा अचूक वरदान  हर पल हर क्षण ज्ञान प्राप्त हो  विनती करता हूंँ भगवान। ज्ञान पिपासा कभी न कम…