भारत माँ का गहना हिन्दी- हर्ष नारायण दास

हिन्दी के बिन्दी को मस्तक पर नित सजा चमकाएँगे, सर आँखों पे बिठाएँगे। यह भारत माँ का, गहना है। हिन्दी मेरा ईमान है, हिन्दी मेरी पहचान है।। हिन्दी हूँ मैं…