हमारा मुल्क- जयकृष्णा पासवान

सोना था सोनाली कितनी, मुल्क हमारा परम निशान। देश में आकर बिखर गया, अंग्रेजी शासन का ऐलान।। सब भेदों से जाल गिराकर, फसा दिया भोला इंसान। सताने लगी अंग्रेजी बोली,…