हमारा मुल्क- जयकृष्णा पासवान

Jaykrishna

सोना था सोनाली कितनी,
मुल्क हमारा परम निशान।
देश में आकर बिखर गया,
अंग्रेजी शासन का ऐलान।।
सब भेदों से जाल गिराकर,
फसा दिया भोला इंसान।
सताने लगी अंग्रेजी बोली,
देने लगा आन पे जान ।।
आसन मां की ढोलने लगी,
हाथों में लिए तिरंगे की शान।
तलवार ढाल वरछी कटारी,
होने लगा युद्ध का ऐलान।।
तब हुआ तैयार बन्दा,
मां का वो सपूत बनकर।
तोड़ने लगे चक्रव्यू उनके,
कानून के किताब बन कर।।
लेने दो आजादी हमको,
पाने दो मुल्क अधिकार ।
सर के सर कटाते जाएंगे,
छोड़ेंगे ना अपना विचार।।
तिरंगा अपना लहराते जाएंगे
दम ना लेंगे तुझसे हिचक्कर।
मुल्कों को आजाद करके रहेंगे “हम हिंदुस्तानी बनके रहेंगे ।
हम ऐलान करते रहेंगे”
हम ऐलान करते रहेंगे।।

जयकृष्णा पासवान स०शिक्षक उच्च विद्यालय बभनगामा बाराहाट बांका

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