बालिका-शिक्षा – पामिता कुमारी

बेटी पढाईला से कछु नय बिगरतै हे बाबूजी तोहर पगड़ी नय गिरतै। बेटी और बेटा में भेद नय करिहो, दोनो के साथे-साथ पढाईहो लिखाइहो, बेटी पढाईला से इज्जत नय घटतै,…

बाल- विवाह- पामिता कुमारी

कथी ला कैलहो बियाह हमर पक्का उमरिया नय होल छै बियाह के हो पप्पा, उमरिया नय होल छै बियाह के हो पप्पा।। ससुरा में हमरा से चूल्हा फुकबैतै, छोट-छोट बतिया…