चंदा मामा के गांव में
मौका मिला अनोखा
सफल रहा अभियान
उड़ाकर कितने खोखा
डर भी था थोड़ा सबको
जब भरा इसरो उड़ान
जा धमका इक नई दुनियां
फूले इंडियन कर अभिमान
खिला है इंडिया कोना कोना
उगले धरती ऊपर पिघले सोना
नई राह ये नई दिशाएं
चांद पर अब झंडा लहराए
गर्व है इस देश पर
जिसने दिया है वीर जवान
जाति धर्म के भेद नहीं
पढ़ते सब गीता और पुराण
कलाम के अब कलम न रोके
चाहे विदेशी कितने टोके
चांद पर पहुंचा दिया चंद्रयान
मेरा भारत है ही महान
कहे शर्मा जी एक ही जुबान
हो सबको शिक्षा सबको ज्ञान
सफलता की हम सीढ़ी बनाए
सदा चमकता रहे हिंदुस्तान।
–भोला प्रसाद शर्मा
डगरूआ, पूर्णिया. (बिहार)