मेरा अखंड भारत-मुकुल कुमार कपरिया

मेरा अखंड भारत नया जन्म हो रहा हमारा, नई उमंगे आएंगी, नई नवेली आदत मेरे, जीवन को चमकाएँगी। प्रदूषण मुक्त हो रहा है भारत, निर्मल गंगा का पानी है, कोरोना…