मेरा अखंड भारत-मुकुल कुमार कपरिया

mera akhand bhart

मेरा अखंड भारत

नया जन्म हो रहा हमारा,
नई उमंगे आएंगी,
नई नवेली आदत मेरे,
जीवन को चमकाएँगी।
प्रदूषण मुक्त हो रहा है भारत,

निर्मल गंगा का पानी है,
कोरोना के कहर से अब,
सुधरी सबकी मनमानी है।

कारगिल युद्ध हो या चीन,
हमने एकता दिखाया है ,
इतनी मुश्किल सहकर भारत,
तब विश्व शिखर पर आया है।

कितनी भी हो आई मुसीबत,
जीत हमेशा पाई है,
यह तो बस अंगड़ाई है,
बाकी अभी लड़ाई है ।
खड़ा है भारत चिरकाल से,
हमने इसको मिटने न दिया,
सहीद हो गए वीर हमारे,
पर भारत को झुकने न दिया।
श्री राम ने चरण धूल से,
अहिल्या को तार दिया,
वैसे ही भारत के लोकतंत्र ने,
पूरे विश्व को प्यार दिया।
लॉकडाउन के बाद हमारे,
होंगे नए अंदाज यह सारे,
एकजुटता की तलवारों से,
चलेंगे न आतंक के चारे।

मुकुल कुमार कपरिया वर्ग दशम 
राजकीय बालक उच्च माध्यमिक विद्यालय लाल बहादुर शास्त्री 
नगर पटना 23

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