गोरैया की आत्म व्यथा-अपराजिता कुमारी

गौरैया की आत्मव्यथा मैं हूँ चुलबुली सी गौरैया स्थिर नहीं मैं रह पाती हूंँ, चहक चहक कर फुदक फुदक कर परिस्थितियों के अनुकूल ढल जाती हूँ। मैं हूँ चुलबुली सी…