जाओ कोरोना अपने घर-रानी कुमारी

जाओ कोरोना अपने घर जाओ कोरोना अपने घर स्कूल हमें बुलाती है। टनटनाती घंटी की याद हमें बहुत सताती है। फूलों वाली फुलवारी तो सपनों को सजाती है पर सपनों…

कलम के सिपाही को शत-शत नमन-रानी कुमारी

कलम के सिपाही को शत-शत नमन  तस्वीरें नहीं बदलीं ओ संवेदना के शिखर पुरुष ! कलम के सच्चे सिपाही ! ओ कथा सम्राट! तुमने समाज की जिन सड़ी-गली रूढ़ियों से…

हाँ गर्व है मुझे-रानी कुमारी

हाँ गर्व है मुझे गर्व है यहाँ के मौसम पर पछुआ-पुरवाई हवाओं पर पर्वत-पहाड़ों, मरुभूमि-मैदानों पर नदी, तालाब, सागर व झीलों पर। गर्व है घाटी के केसर और रेशमी धागों…