आइए, जलाते हैं एक दीप अपने माता-पिता की लम्बी आयु के लिए, जिन्होंने हम सबको सुंदर संस्कार दिए। आइए, जलाते हैं एक दीप अपने गुरुजनों के लिए, जो अच्छी शिक्षा…
Author: Dev Kant Mishra
दीपोत्सव हमें मनाना है – रामकिशोर पाठक
हर तरफ घोर अँधियारा है, एक दीप हमें जलाना है। आज रात दिवाली की, दीपोत्सव हमें मनाना है। घर का कोना साफ हो गया, दीपों से इसे सजाना है।…
आओ सब मिल दीप जलाएँ- संजीव प्रियदर्शी
आओ सब मिल दीप जलाएँ नाचें- गाएँ खुशी मनाएँ। मन के भीतर का अँधियारा, भव भय भ्रम सब दूर भगाएँ।। आओ सब मिल दीप जलाएँ। झिलमिल-झिलमिल दीपक भाते गेह-द्वार…
दिल में प्यार के दीप जले- संजय कुमार
इस दिवाली हर तरफ अमन, शांति के फूल खिले। नफरत, ईर्ष्या की दीवार ढहे हर दिल में प्यार के दीप जले। जगमग हो हर मन का आँगन उज्ज्वल हो…
तमस मिटा चलो दीप जलाएँ- विवेक कुमार
आओ चलो चलें दीप जलाएँ, काले अँधियारे को दूर भगाएँ, संग चलें और घुलमिल जाएँ, तमस मिटा, चलो दीप जलाएँ। मन के मैल को आज मिटाएँ, नकारात्मकता को परे हटाएँ…
पावन शरद ऋतु – अमरनाथ त्रिवेदी
पावन शरद ऋतु की बहुत बड़ाई , सबके चित्त नित परम सुहाई । आश्विन, कार्तिक होते अति पावन, दिल को लगते हैं अति भावन। पर्वों का यह पवित्र महीना, नित …
उम्मीद के दीए- सुरेश कुमार गौरव
नित मन की अमराईयों में, मन की बातें बोलती हैं, नीरस से सरस जीवन के, मिश्रित पीयूष रस घोलती हैं। समय बीत रहा है पल-पल, कह रहा है, हों सब…
सूरज बाबा – भोला प्रसाद शर्मा
सूरज बाबा, ओ सूरज बाबा, तुमसे रोशन है जग सारा। सुबह-सवेरे तुम मुस्काओ, धरती को तुम खूब सजाओ। सूरज बाबा निकले सुबह, लेकर अपनी रथ की किरण। सारा जग…
दिवाली आज मनाएँगे- रामकिशोर पाठक
दादा जी फुलझड़ी चाहिए, जगमग वाली लड़ी चाहिए, हम भी दीप जलाएँगे, दिवाली आज मनाएँगे। देखो पटाखे फूट रहे हैं, लगता तारे टूट रहे हैं, रंगोली भी तो बनाएँगे,…
दीप जलाएँ- अमरनाथ त्रिवेदी
मिलकर ऐसे दीप सजाएँ, हर कोने के तम को हर लें। सब मिलकर ऐसे दीप जलाएँ, हर खुशियों को हम भर-भर लें।। वर्ष बाद फिर आई दिवाली, अपने खुशियों…