छोटी-छोटी बूँदें लाएँ,
ये मतवाले बादल,
श्वेत-स्लेटी, नीले-पीले,
भूरे-काले बादल।
कैसे-कैसे रूप बदलते,
करते जादू-मंतर,
हाथी जैसे कभी मचलते,
गरजन करें निरंतर।
इधर-उधर घोड़ों-से दौड़े,
चाबुक वाले बादल,
छोटी-छोटी बूंदें लाएँ,
ये मतवाले बादल।
झर-झर, झर-झर झड़ी लगाते,
सरित-सरोवर, सागर,
कहाँ-कहाँ से जाने लाते,
भर-भर जल की गागर।
कोने-कोने नभ में घूमें,
हिम्मतवाले बादल,
छोटी-छोटी बूंदें लाएँ,
ये मतवाले बादल ।
आशीष अम्बर
( विशिष्ट शिक्षक)
उत्क्रमित मध्य विद्यालय धनुषी
प्रखंड – केवटी
जिला – दरभंगा
बिहार
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