पर्यावरण रक्षा प्रकृति के साथ किया अत्याचार। पेड़ पौधे काटे पर्यावरण को किया बेहाल।। भुगत रहे हैं अपनी करनी, प्रकृति बदली अपनी चाल । मनुष्य बंद है कमरे में पशु…
Category: sandeshparak
Sandeshparak poems are poems that are used to convey a message with feelings. Through poems, statements related to the country, the world, and society are transmitted to the people. Teachers of Bihar give an important message through the Sandeshparak of Padyapankaj.
हमारा पर्यावरण-रीना कुमारी
हमारा पर्यावरण पड़े-पौधे लगाना है, पर्यावरण बचाना है। पानी को बचाना है, जीवन को सजाना है। चिडियों को चहचहाना है, मस्त मयूर नचाना है। मदारी से डमरू बजवाना है। बंदर…
खेल-खेल में शिक्षा-भवानंद सिंह
खेल खेल में शिक्षा बच्चों को भाता है खेल आपस में रखो सब मेल । नहीं किसी से झगड़ा लड़ाई स्कूल में हो सब भाई-भाई । खेल-खेल में शिक्षा पाओ…
पढ़ाई जीवन का आधार-एम एस हुसैन
पढ़ाई जीवन का आधार है आओ जग का मान बढ़ाएं कुछ कर के नाम कमाएं । ऐसे ही रहना बिल्कुल बेकार है क्योंकि पढ़ाई जीवन का आधार है ।। आओ…
मंजिल दूर नहीं-अवनीश कुमार
मंजिल दूर नहीं कर्म निरन्तर करता चल व्यर्थ चिंतन छोड़ता चल रणनीतियाँ गढ़ता चल आत्ममंथन करता चल खुद से तुलना करता चल अपने पर विश्वास रख मिल जाएगी ही मंजिल…
कोरोना एक संकट-प्रीति कुमारी
कोरोना एक संकट कोरोना के इस हाहाकार में सारा जन-जीवन अस्त-व्यस्त लोग भयाकुल और त्रस्त । घर की चहारदीवारी में हम सिमट गए हम उलझ गये जब घर पर थोड़ा…
जल-जीवन-स्नेहलता द्विवेदी “आर्या”
जल-जीवन जल की कहानी तुम्हे क्या सुनानी, नदी या नहर में समंदर नूरानी, खाने का पानी या पीने का पानी, नहाने सुहाने या जीने का पानी, पानी ही पानी है…
संरक्षण-विजय सिंह नीलकण्ठ
संरक्षण माता के संरक्षण में छोटे बच्चे पलते हैं तो पिताजी के संरक्षण में बच्चे अनुशासित बनते हैं। शिक्षक गण के संरक्षण में शिक्षा की ज्योति जलाते हैं फिर गुरुजी…
बँटवारा-विनय कुमार
बँटवारा अक्सर ही खींच जाती है तलवारें हो जातें है मुक़दमे बन जाती है सरहदी लकीरें अपने ही घर में अपनो के बीच ज़मीन के चंद टुकड़ों और कागज़ी…
दहेज लोभी-स्वाति सौरभ
दहेज लोभी रिश्ते की करने को बात, विनम्र भाव से बेटी का बाप। कई उम्मीदें लेकर साथ, पहुँचे बेटे वाले के द्वार।। बेटी पर पूछे कई सवाल, रंग रूप और…