हां,मैं भावुक ही तो हूं
तभी तो सह नहीं पाती
हल्की सी भी चोट,
फिर चाहे वो शरीर पर हो
या कि लगे हों
दिल पर।।
हां,मैं भावुक ही तो हूं
तभी तो देख नहीं पाती
उनके भी आंसू जिन्होंने
कभी नहलाया हो मुझे
आंसुओं से।।
हां,मैं भावुक ही तो हूं
तभी तो माफ़ कर दिया
उनकी गलतियों..नहीं
गुनाहों को भी
जो
दे गईं हैं पीड़ा मुझे
उम्र भर के लिए।।
हां,भावुक ही तो हूं
तभी तो तोड़ न सकी
कभी किसी कष्टदाई
बंधन को भी।।
हां, भावुक ही तो हूं
तभी तो न बन सकी
कभी तुम्हारी तरह
प्रैक्टिकल।।
डॉ स्वराक्षी स्वरा
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