संज्ञा के प्रकार
नाम को संज्ञा कहते हैं,
जो भी जग में पाया जाता।
राम, श्याम, पटना, गंगा,
ये सब संज्ञा हैं कहलाता।
प्रथम प्रकार है जातिवाचक,
जाति का बोध कराता है।
लड़का, कुत्ता, पुस्तक, हाथी,
आदि को ये बतलाता है।
दूसरा है व्यक्तिवाचक जो,
खास चीज को दिखलाए।
सीता, गीता, दिल्ली, कोशी,
जैसी संज्ञा इसमें आये।
समूहवाचक तीसरा प्रकार जो
अनेक चीज के बारे हो।
झुंड, भीड़, दल, गुच्छा, जिसमें,
चीज बहुत ही सारे हो।
चौथे में द्रव्यवाचक होता,
जो नापा तौला जा सकता।
चीनी, पानी, नमक, दूध जो,
घर घर में पाया जाता।
भाववाचक है पाँचवीं संज्ञा,
अवस्था, गुण, हालत होता।
जवानी, बचपन, सच्चाई जो,
मानव है खोता जाता।
सुधीर कुमार
किशनगंज, बिहार
0 Likes