अनोखा व्रत करवा चौथ – अमरनाथ त्रिवेदी

Amarnath Trivedi

करवा   चौथ  का  व्रत,
हर  वर्ष में एक बार आता है ।
सुखद स्मृतियों के  सुभग तान से,
यह  जीवन धन्य  कर  जाता है।

कार्तिक  मास  के कृष्ण  पक्ष  में ,
चतुर्थी दिन यह व्रत मनाई जाती है।
पति -पत्नी की सुखद सामंजस्य की,
इस दिन नई गाथा भी गायी जाती है।

पत्नी करती व्रत  पति  के लिए,
वह  मंगल  कामना  करती है।
पति  की   आयु    लंबी  हो,
उपवास  भी वह दिनभर रखती है।

सुख, समृद्धि, सौभाग्य  का  द्योतक ,
यह  व्रत भारत की अति निराली है।
निशा  में  चंद्रोदय   होने   पर  ही ,
चलनी  से  पत्नी चंद्र दर्शन करती है।

इस  व्रत   का   समापन,
चंद्र  उदय  से  होता  है।
पतिदेव के कल्याण की चाह  लिए ,
इस  व्रत का अनुष्ठान पूरा होता  है।

यह  अनोखा  व्रत  है  भारत   का,
जिसमें  संस्कृति, सभ्यता का वास है।
घर  घर  में   पत्नी  यह  व्रत है करती,
यही पत्नी के दिल का सही  उजास है।

पति-पत्नी  के मिलने  से ही,
परिवार का स्वरूप  बनता है।
पति -पत्नी हों सदा एक दूजे के,
मन में सदा आस यही रहता है।

इस अवसर पर पत्नियों को,
पतिदेव का भी साथ मिले।
जीवन की यह खूबसूरत बगिया ,
नित दिन यह हिले मिले।

अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर विद्यालय बैंगरा
प्रखंड- बंदरा , ज़िला- मुज़फ्फरपुर

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