प्रेम बड़ा अनमोल रतन है-मीरा सिंह “मीरा

प्रेम से हुआ जग रोशन हैं
जीवन लगता सुखद सपन है।
दुनिया लगती बहुत सुहानी
प्रेम बड़ा अनमोल रतन है।।

करें जहां पर प्रेम बसेरा
दूर वहां से दुख का डेरा।
मन आंगन में थिरके खुशियां
रात लगे है रजत सवेरा।
प्रेम की बात बहुत निराली
सारा जग इससे रोशन है।।

बड़े भाग्य से मिला खजाना
मुफ्त इसे है सखी लुटाना।
चोर चुराए ना ही लूटे
पल पल इसको है सरसाना।
धन्य हुआ यह जीवन मेरा
मिला मुझे अनमोल रतन है।

राम तेरी कैसी रचन है
हर माथे पर दिखे शिकन है।
हंसना रोना रीत जहां की
आंसू से तर सभी नयन है।
प्रेम बिना होता जग सूना
जिस्म बिना जैसे धड़कन है।।

प्रेम रहित मन दुख का डेरा
कलह क्लेश का हृदय बसेरा।
सिसक सिसक जीवन गुजरे
नज़र न आएं कहीं सवेरा।
कहते सारे ज्ञानी ध्यानी
प्रेम बड़ा अनमोल रत्न है ।।

मीरा सिंह “मीरा”
+२, महारानी उषारानी बालिका उच्च विद्यालय डुमराँव जिला-बक्सर, बिहार

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