मेला-कुमारी अनु साह

Anu

मेला

एक थी गुडिया रानी
बहुत होशियार और सयानी ।
एक दिन घूमने गई वो मेला
मेले में देखा एक ठेला ।
बिक रही थी उस पर तरह-तरह की मिठाई
चाट, समोसा और रस मलाई ।
पर चारों ओर गंदगी थी छाई
सब पर थी मक्खियाँ भिन-भिनाई ।
पहुँच गई तुरंत ही वह ठेले वाले के पास
बताई उसे सफाई की बात ।
मक्खियाँ फैलाती है रोग
इसे खाकर बीमार पडेंगे लोग ।
ठेले वाला समझ गया सारी बात
सामान को ढँकने का किया उसने पूरा इंतजाम ।
अगर नहीं खाओगे खुले में बिकने वाला सामान
तो बीमारी से बचना हो जाएगा आसान।

कुमारी अनु साह
प्रा. वि.आदिवासी टोला भीमपुर, छातापुर सुपौल

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