प्यारे बापू-मधुमिता

Madhumita

प्यारे बापू

हम बच्चों के प्यारे बापू
तेरी महिमा का कैसे करूं बखान
सारा विश्व करता तेरा जय गान
अहिंसा के पुजारी तुम बन गए बापू महान
अंग्रेजों की दासता की नहीं तूने स्वीकार
विदेशी सामानों का किया बहिष्कार
सजाया स्वदेशी सामानों का बाजार
सत्य अहिंसा की शक्ति के आगे हुइ अंग्रेजों की हार
नमक सत्याग्रह में स्वयं नमक बनाया
दो जोड़ी धोती में अपना जीवन बिताया
चरखा चलाकर सूत बनाया, संतों सा जीवन बिताया
त्याग और बलिदान की तुम हो परिभाषा
दूर करते मन की निराशा
दिल में लिए स्वतंत्र भारत की आशा
ना की कभी किसी पद प्रतिष्ठा की अभिलाषा
अंग्रेजों से तो मुक्त किया तुमने भारत को
अब अहिंसा से भी मुक्त कर दो भारत को
एक बार फिर आ जाओ हे अहिंसा के पुजारी
ले आओ भारत में फिर से वही सत्य अहिंसा की खुमारी
ढूंढ रहा भारत तुमको
निष्ठा कि वह जोत फिर से जगा दो
देश प्रेम की वो गंगा फिर से बहा दो
कुर्बानी तेरी जाया न होने देंगे
तेरे पद चिन्हों पर चलकर बाबू मेरे
हिंदुस्तान को गुलिस्ता हम बना देंगे
हम बच्चों के प्यारे बापू
तेरी महिमा का कैसे करूं बखान
सारा विश्व करता तेरा जय गान
अहिंसा के पुजारी तुम बन गए बापू महान।

मधुमिता ✍️✍️✍️

मध्य विद्यालय सिमलिया
बायसी पूर्णिया (बिहार)

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