वीणा को बजाइए – मनु रमण चेतना

Manu Raman Chetna

शारदे भवानी मैया,भंवर में मेरी नैया,
करि कृपा मेरी नाव,पार भी लगाईये।

श्वेत वस्त्र धारिणी मां,विद्या वर दायिनी हो ,
सुमति को देनेवाली,कुमति नसाईये।

चरणों की आस लगी,दर्शन की प्यास बढ़ी,
हंस पे सवार होके,आप चली आइये।

अज्ञान तिमिर हरो,विद्या बुद्धि शील भरो,
सो रहा जगत सारा ,वीणा को बजाइए।

स्वरचित:-
मनु रमण चेतना
पूर्णियां बिहार

Leave a Reply