साफ सफाई-नीतू रानी

साफ सफाई 

आओ करते हैं हम मिलकर
अपने घर दरवाज़े साफ,
और करते हैं अपने
छोटे से शौचालय साफ ।

अगर हम रखेंगे इसको साफ़
न होंगे हम सब कभी बीमार,
कम से कम करेंगे इसको
हर सप्ताह में एक बार साफ।

जब हम जाएं करने शौच
तब पानी देंगे इसके अनुसार,
हाथ को पहले राख से धोएँ
फिर करें साबुन से साफ।
हाथ पैर को अच्छे से धोकर
तब जाएँ रसोई घर में आप,
जब भी करें कोई काम तो पहले
करें हम अपने हाथों को साफ ।

हाथों में तू कभी न रखना
गंदे नाखून बड़े-बड़े,
इसमें छिपे रहते हैं गंदगी
मैल कीटाणु सड़े हुए।
हर संडे को कर लेना तुम
अपने नाखूनों को साफ,
खाने में न जाएगी गंदगी
न होंगे कभी पेट खराब ।

बालों में नित कंघी करना
नहीं तो जट्टे बन जाएँगे बाल,
इसमें आ जाएँगे जू
अपने परिवारों के साथ।
पी लेंगे सब ख़ून सिर के
जगह-जगह हो जाएँगे घाव,
बाल झरेंगे तेरे सिर के
तब गंजे हो जाएँगे आप।

घर के अंदर बेड को रखना
रखना तुम खिड़की के पास,
आएगी सूरज की किरणें
स्वच्छ सुन्दर हवा मजेदार।
तब आएगी नींद सुन्दर
और आएँगे सुन्दर स्वप्न हजार,
जी भर करके तुम सो लेना
न निकलेंगे तेरे खर्राटे आवाज।

आंगन में तुम पेड़ लगाना
तुलसी के एक दो तीन चार ,
न आएँगे कभी कीटाणु
शुद्ध हवा की होगी बरसात।
सर्दी, खाॅ॑सी और बुखार में
ये करते रहेंगे दवा का काम,
न खाना पड़ेगा तुझे दवाई
न लोगे कभी डाक्टर का नाम।

नीतू रानी कहती है इसी तरह
तुम रहो हरदम स्वच्छ और साफ,
करो मन हीं मन प्रभु का जाप
ना आएँगे बीमारी के बाप ।

नीतू रानी प्र० शि० बायसी
पूर्णियां, बिहार

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