आदिशक्ति मात भवानी- कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’

Kumkum

आदिशक्ति हे मात भवानी ,
आप हैं मातु जग कल्याणी।

हम आए माँ द्वार तुम्हारे,
दूर करो माँ कष्ट हमारे।
ज्ञान का मात ज्योत जला दो,
मन से सारे बैर मिटा दो।
आप हैं मातु जग कल्याणी,
आदिशक्ति हे मात भवानी।

ब्रह्मा ने जब जगत रचाया,
तुम बिन जग सुना-सुना पाया।
वाग्देवी माँ बन चलि आयी।
वीणा की मधुर सुर सुनाई।
आप हैं मातु जग कल्याणी,
आदिशक्ति हे मात भवानी।

देवों पर जब संकट छाया,
महिषासुर उत्पात मचाया।
दुर्गा रूप धरि चली आई,
महिषासुर को मार गिराई।
आप हैं मातु जग कल्याणी,
आदिशक्ति हे मात भवानी।

शुंभ -निशुंभ जब जुल्म ढाया,
स्वर्गलोक में संकट छाया।
कौशिकी माँ बन चली आई,
दैत्यों को माँ मार गिराई।
आप हैं मातु जग कल्याणी,
आदिशक्ति हे मात भवानी।

रक्तबीज दानव बलशाली,
देवों की छीनी खुशहाली।
माँ कालिका रूप में आई,
रक्तबीज को स्वर्ग रसाई।
आप हैं मातु जग कल्याणी,
आदिशक्ति हे मात भवानी।

भू पर फिर से विपदा आई,
मनुज पर घोर विपत्ति छाई।
जग कल्याणी मैय्या आओ,
माता सारी पीड़ मिटाओ।
आप हैं मातु जग कल्याणी,
आदिशक्ति हे मात भवानी।

कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’
शिक्षिका
मध्य विद्यालय बाँक, जमालपुर

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