सीता जन्म – नीतू रानी

विषय -सीता जन्म
शीर्षक -सीता जी जन्म लेल रे।

सीता
धन्य हमर मिथिला धाम से
धन्य गाँव जनकपुर रे ,
ललना रे धन्य माता सुनैना पिता जनक ऋषि जिनकर घर
सीता जी जन्म लेल रे।

जनकपुर में परल एक बेर अकाल से
नै पैन परै नै अन्न उपजै रे,
ललना रे उठे लागल गाँव में हाहाकार से
कोना जीतै जनकपुर वासी रे।

गाँव वासी गेल जनक दरबार से
सुनू राजा जनक ऋषि यौ
ललना रे अपने हाथ से चलाबू खेत में हल से
तखन मेघ बरसत रे।

लेलखिन्ह हल-बैल राजा जनक ऋषि
चलला अपन खेत रे ,
ललना रे घुमेलनि हल तीन बेर राजा जनक से
सोनाक कलश खेत से निकलल रे।

सोनाक कलश देख राजा जनक ऋषि
भेल अचंभित रे,
ललना रे खोललनि कलश केर मुँह से
निकलल सीता बेटी रे।

जखन कलश से निकलल सीता से
मेघ गरजै बरसैए रे
ललना स्वर्ग लोक में सब देवगण ठार से
फूल बरसाबैए रे।

सीता देखि खुश माता सुनैना रानी
खुश राजा जनक ऋषि रे
ललना रे आब बनलौं अहाँ सीता के माय से
हम पिता भाग्यशाली रे।

कियो लुटाबै अन, धन, सोनमा से
कियो हथकंगनमा लुटबै रे ,
ललना रे कियो लुटाबै धेनु गाय से
जनक घर बधैया बाजै रे।

जनक जी लुटाबै अन, धन ,सोनमा से
रानी सुनैना हथकंगना लुटबै रे,
ललना रे
जनक दरबारी लुटाबै धेनु गाय से
ऋषि मुनि गण आशीष देलनि रे।

सीता देखै में बड़ी सुन्दर
माता-पिता के आज्ञाकारी रे
ललना रे परलैन माता- पिता के आशीर्वाद से
जनकपुर के नाम रौशन केलखिन्ह रे।


नाम -नीतू रानी
स्कूल -म०वि०सुरीगाँव
प्रखंड -बायसी
जिला -पूर्णियाँ बिहार।

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