राष्ट्रध्वज- रत्ना प्रिया

Ratna Priya

राष्ट्रध्वज है शान हमारी, लहर-लहर लहराए ,

आजादी की मतवालों की, गाथा कहता जाए।

शौर्य व साहस भरनेवाला, है केसरिया बाना,

त्याग की शक्ति तप के बल को, दुनिया ने है माना,

जब युवा- शक्ति कदम बढ़ाए, जाग उठे तरुणाई,

हर बेटा हो वीर भगत सिंह, बेटी लक्ष्मी बाई।

भारत के गौरव की गरिमा, फिर से याद दिलाए।

राष्ट्रध्वज है शान हमारी, लहर-लहर लहराए।

कृषक, शिक्षक, सैनिक हों हम या, सफल ज्ञानी-विज्ञानी,

स्वदेश- प्रेम को रहें समर्पित, बनकर नवल निर्माणी,

जन-जन को हम याद दिलाएँ, वीरों की कुर्बानी,

सीमा पर मरनेवालों की, अनगिन करुण कहानी।

वीर-शहीदों की सूची में, अमर नाम हो जाए।

राष्ट्रध्वज है शान हमारी, लहर-लहर लहराए।

विश्व-वसुधा कुटुंब हमारी, पुरखों ने सिखलाया,

दु:ख को छलना, शोषित करना, कभी न हमको भाया,

भारत माँ की लाज बचाने, हमने शपथ उठाई,

अत्याचारी डर कर भागे, युद्ध में धूल चटाई |

पुण्य धरा है गौरवशाली, दाग न लगने पाए |

राष्ट्रध्वज है शान हमारी, लहर-लहर लहराए |

रत्ना प्रिया
शिक्षिका (11-12)
उच्च माध्यमिक विद्यालय माधोपुर
चंडी, नालंदा

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