सड़क सवारी और सुरक्षा – अमरनाथ त्रिवेदी

Amarnath Trivedi

 

वादा करें अपने दिल से ,
न कभी गाड़ी तेज चलाएँगे।
इससे जान जोखिम में पड़ती,
बिना हेलमेट कभी न बढ़ाएँगे।।

तेज चलाते हैं जब गाड़ी ,
तो उसके वश हो जाते हैं।
कहीं निगाहें इधर-उधर हुई तो,
हम खतरे में पड़ जाते हैं।।

जीवन हमारा बहुत अमूल्य है ,
इसे पहले सदा समझना है।
तेज ड्राइविंग के चक्कर में,
न कभी हमें उलझना है।।

दिल पर हाथ रखकर सोचें ,
क्या हमें अपनी जान नहीं प्यारी ?
हम जब सेफ रहेंगे हरदम,
तो दुनिया लगेगी हमें न्यारी।

क्षण में लोग दुर्घटना में पड़ते,
हम सबने यह देखा है।
कोई न करे कभी ऐसी गलती ,
नही तो अपने साथ भी धोखा है।

गाड़ी पेपर के साथ चलें ,
यातायात नियमों पर दृढ़ रहें।
तब जुर्माने से हम बचे रहेंगे,
साख बनी रहेगी खरी-खरी।।

बेशक घर पर देर से पहुँचें,
जान की फिक्र पहले किया करें।
हमारी राह देख रहे नन्हें बच्चे,
यह याद रखना है घड़ी -घड़ी।।

न रेस लगाएँ किसी सवारी से,
सुन लें दिल की बात अपनी।
नहीं तो खुद ठोकर खाएँगे,
दुःख भोगेंगे हम घड़ी- घड़ी।।

केवल आगे पीछे की बात नहीं,
दायें बायें का भी हमें ध्यान रहे।
जीवन यदि सुरक्षित रखना है तो,
हर कदम बढ़ाएँ सही- सही।।

युवा वर्ग में लापरवाही बढ़ने से ,
दुर्घटना की भरमार लगी है।
इससे सदा विचलित होता मन,
अफसोस होती है बड़ी- बड़ी।।

वहाँ देखनेवाला कोई नही,
जब सौभाग्य साथ न देता है।
यदि सड़क पर लोग गिर जाते हैं,
तो जान निकलती है पड़ी- पड़ी।।

बिना देखे खाली रास्ता ,
न गाड़ी को तनिक बढ़ाएँ हम।
ऐसे में सदा सतर्क रहें तो,
अरमां पूरी होंगी बड़ी-बड़ी।।

बीती बातों को छोड़ें हम,
अब नई बातों की शुरुआत करें।
अनमोल सदा यह जीवन है,
न इसे दर्द पहुँचाएंँ घड़ी-घड़ी।।

समझें पहले जान की कीमत,
छोड़ें पूर्व की नादानी को।
जीवन मिल गया हमें जब,
नित जिया करें हम खुशी- खुशी।।

गाड़ी चलाते वक्त सदा,
बच्चे, पशु पर भी ध्यान रहे।
ये कभी कहीं मुड़ जाते हैं,
नजर इन पर रखें घड़ी -घड़ी।।

हमारी यात्रा सदा सुरक्षित हो,
इसका सदैव नित ध्यान रहे।
संयम सदा रखें मन में,
जीवन में खुशियाँँ लाएँ नई- नई।।

अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर विद्यालय बैंगरा
प्रखंड- बंदरा, जिला- मुजफ्फरपुर

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