बिटिया रानी-नूतन कुमारी

बिटिया रानी 

अति मनमोहक छवि तुम्हारी,
मृदुल वाणी से लुभा रही हो,
ओ मेरी बिटिया रानी,
बिन बोले सबकुछ बता रही हो।

तेरी किलकारी पर अपनी जान लूटा दूं,
ह्रदय के स्पंदन में तेरी झंकार हो,
जीवन के सारे तमस मिटा दूं,
तेरी हर नादानियाँ मुझे स्वीकार हो।

तेरी आँखों से सारी नमी चुरा लूँ,
दे दूं अपने हिस्से की मुस्कान,
तेरी हँसी पे सौ-सौ पहरे लगा दूं,
गम-ए-उल्फत का न हो कोई निशान।

खुदा की रहमतें बरसती रहे तुझ पर,
मेरी ममता में नहीं कभी कोई कसर हो,
बन जाओ मिसाल सृष्टि के लिए,
चहुँओर फैला संस्कारों का असर हो।

तेरे स्वप्न में सुध-बुध गँवा चुकी,
कब दिन गुज़रा यह भान नहीं,
तेरे मुख की हँसी यूँ ही बनी रहे,
इक माँ का बस अरमान यही।

नूतन कुमारी (शिक्षिका)
पूर्णियाँ बिहार

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