बचपन-प्रियंका दूबे

बचपन

जीवन का आरंभ है ये
भविष्य की बुनियाद है ये 
बचपन है जिसका नाम
नहीं है सबके लिए आसान।

स्वपनिल आँखो में सुन्दर
जीवन की आस लिए,
नन्हे कदमों से नवजीवन की राह लिए
बढ़ रहे ठुमकते से कदम,
कहाँ आभास है उन्हें की कठिन है जीवन।

अभाव, तिरस्कार की मरीचिकाएं
तोड़ न दे कोमल सपनों को।

अधिकार है उन्हे भी चहकने का,
अधिकार है उन्हे भी बिन पंखो के उड़ान भरने का आओ हम सब उन्हे वो सपनों का आसमान दें।
इस धरती पर ही जीवन का स्वच्छंद उड़ान दें।

प्रियंका दूबे

मध्य विद्यालय फरदा

जमालपुर मुंगेर

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