किसान-मनोज कुमार दुबे

Poem

किसान

धरा के कठोर तल को चीर जो हरियाली लाये,
अपनी मेहनत से अनाज उगाता है वो किसान।

खुद भूखा रह खेतों में जो काम करे दिन रात,
पशु पक्षियों और भरे पेट मानव का है वो किसान।

गर्मीयों मे जब सब घर मेें सिमट जाते
उन्ही कड़ी धूप में हल जो चलाता है वो किसान।

आंधी तूफान सर्द मौसम से डटकर जो लड़ते
वसुंधरा के पुत्र वीर है वो किसान।

दुःखो और कष्ट के हलाहल विष को जो पीते
शंकर समान भगवान है वो किसान।

मस्तमौला रहता जो मुस्कान जिसके ओठो पर
मेहनत और सादगी पहचान है वो किसान।

गर्व करता हूं अपने पर जुड़ा हूं मैं भी खेती बारी से
मेरे पिता है किसान हम है किसान।

मनोज कुमार दुबे
राजकीय उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय भादा खुर्द लकड़ी नबीगंज सिवान
©manojdubey

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