कौन कहते कि बच्चे पढते नहीं-नूतन कुमारी 

कौन कहते कि बच्चे पढते नहीं

बुद्धिजीवी होना कुछेक की मुद्दत होती है,
अनुकरण करना बच्चों की फितरत होती है,
शिद्दत से हम उन्हें समझाते नहीं,
कौन कहते हैं बच्चे पढते नहीं ?

बच्चे को रखें सोशल मीडिया से दूर,
खुद को भी करें इसके लिए मजबूर,
एकाग्रता की सीख हम दे पाते नहीं,
कौन कहते कि बच्चे पढते नहीं ?

मैत्रीपूर्ण संबंध बना कर बाल मन से,
सिखाने का वार्तालाप करें बड़े जतन से,
शायद हम ऐसा कर पाते नहीं,
कौन कहते कि बच्चे पढते नहीं ?

नित्य समय पर विद्यालय भेजना, कर्तव्य है हमारा,
सत्य मार्ग पर चलना सिखाना, उद्देश्य है हमारा,
फर्ज से विमुख हम हो जाते यहीं,
कौन कहते कि बच्चे पढते नहीं ?

कोरे कागज की भाँति होता, बच्चों का मन,
हमें है सिखाना उन्हें, सच्ची निष्ठा व लगन,
हर राह उनका आसान बनाये यूँ ही,
कौन कहते कि बच्चे पढते नहीं ?

नूतन कुमारी  (शिक्षिका)
पूर्णियाँ,  बिहार

Leave a Reply