जोड़ घटाव-बीनू मिश्रा

जोड़-घटाव

 आओ मिल कर खेले खेल,
क्या होता है करके मेल,
मेरे पास थे डिब्बे दो,
और दो दे गया वो,
अब कितने हुए 
अब हो गए डिब्बे चार,
उसमें रखे दो अनार,
अब कितने हुए,
डिब्बे और मिले अनार,
हो गए अब पुरे छः
फिर क्या हुआ,
फिर मैं और मेरे मित्र,
दो पुस्तक ले पढ़ लें पाठ,
अब कितने हुए,
डिब्बे, अनार और पुस्तक मिलकर
हो गए अब पूरे आठ,
इतने में स्कूल की आ गई ,
अब दो बस,
अब कितने हुए,
डिब्बे और मिले अनार, पुस्तक और स्कूल बस,
मिलकर हो गए अब पूरे दस,
फिर स्कूल को चल गई दोनों बस,
अब कितने रह गए,
डिब्बे, अनार और पुस्तक ,
मिलकर पूरे आठ,
फिर मैं और मेरे मित्र,
अपने पुस्तक ले चल दिए घर,
अब बच गए डिब्बे और अनार,
मिलकर पूरे छः
अब क्या होना था इस बार,
आ गया लेने वो अनार,
मेरे पास रह गए डिब्बे चार,
फिर क्या हुआ,
जिसने दिया था डिब्बे दो,
अपने डिब्बे ले गया वो,
अब क्या हुआ पता है,
बच गए मेरे डिब्बे दो,
अब क्या होगा सुन बच्चों,

जब मेरे पास दो डिब्बे और मिले जो अनार और मिले पुनः दो किताब तथा दो बस मिले,
तो क्रमशः दो से चार, चार से छह, छह से आठ, आठ से दस बने,

तो बच्चों मिलने से संख्या में बढ़ोतरी हुई, बढ़ गई।
मिलाने की प्रक्रिया जोड़ कहलाती है, जुड़ता चला गया और बढ़ता चला गया।

लेकिन जब अनार वाले ने अनार ले लिए, डिब्बे वाले ने डिब्बे ले लिए, फिर पुस्तक ले लिए और बस चली गई।
यानि घटता चला गया। घटाने की प्रक्रिया घटाव कहलाती है।

उम्मीद है बच्चों आप जरूर सीख गए होंगे।

बीनू मिश्रा
नवगछिया भागलपुर

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