संस्कार-अवनीश कुमार

संस्कार संस्कारों की छाँव में बड़े-बुजुर्गों की पाँव में मिल रहे सदाचरण अब भी गाँव में। संस्कारों की थाती अब भी बसती है गाँव में, ममत्व, प्रेम, त्याग, स्नेह, अर्पण…

ऊर्जा-एकलव्य

  ऊर्जा उर्जा मुझसे कहती है ना तो मेरा नाश है होता ना कोई निर्माण है करता मेरा बस है रूप बदलता। मेरा नाम तुम कुछ भी रख ले ध्वनि,पवन,यांत्रिक…

प्रार्थना-देव कांत मिश्र

प्रार्थना माँ शारदे वरदान दे, माँ शारदे वरदान दे हे हंसवाहिनी! ज्ञानदायिनी! सद्ज्ञान का अभिज्ञान दे, माँ शारदे—– निष्काम हो मन कामना। मेरी सफल हो साधना।। नवगीत नवलय तान दे,…